रूह की पुकार: एक ग़ज़ल

तआर्रुफ़: ग़ज़ल: रूह की पुकार एक रूहानी और इंसानियत से भरपूर ग़ज़ल है। इसमें लेखक ने बदलते वक़्त, रिश्तों, मोहब्बत और इंसानियत के महत्व को बड़ी नफ़ासत से बयां किया…

दिलों का शहंशाह: एक ग़ज़ल

तआर्रुफ़ : ग़ज़ल: दिलों का शहंशाह इंसानियत, मोहब्बत और रूहानी एहसासों की गहराई को बयां करती है। इसमें लेखक ने यह दर्शाया है कि किसी दिल पर राज करना केवल…

सच्चा सुख़न: एक ग़ज़ल

📜 तआर्रुफ़: “सच्चा सुख़न” एक एहसासों से भरी ग़ज़ल है जो वफ़ा की तलाश में भटके दिल की दास्तान बयाँ करती है। इसमें मोहब्बत की सच्चाई, रिश्तों की हक़ीक़त और…

ख़ामोश इंक़िलाब: एक ग़ज़ल

तआर्रुफ़: यह ग़ज़ल “ख़ामोश इंक़िलाब” उस बेआवाज़ मगर असरदार जद्द-ओ-जहद का बयान है जो एक तहज़ीब, एक क़ौम, और एक सोच ने हर ज़ुल्म, तशद्दुद और साज़िश के मुक़ाबिल में…